लेखनी प्रतियोगिता - मेरा दोस्त
मेरा दोस्त..
मैं और मेरा अंतर्मन,
अब हम ही हैं, एक दूसरे के लिए,
जानते हैं, समझते हैं और समझाते हैं,
हर परिस्थिति को बेहतर बनाते हैं,
बहुत से लोगों से मिले, हम दोनों,
पर मन को सुकून,एक दूसरे के साथ ही आया,
कोशिश की थी, बाहर घुलने मिलने की,
पर हमे एक दूजे का साथ ही भाया,
सुख में बहुत भीड़ साथ थी,
दुःख में मगर कोई नज़र ना आया,
तब हमने हमारा साथ बहुत गहराई से निभाया,
अब दिल को सुकून है, और मन में शांति,
बाहरी दोस्ती की अब, मिट गई भ्रांति।।
प्रियंका वर्मा
5/8/22
Punam verma
06-Aug-2022 10:09 PM
Very nice
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Seema Priyadarshini sahay
06-Aug-2022 09:14 PM
Nice post 👌
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Priyanka Verma
06-Aug-2022 07:52 AM
Thank you so much 🙏💐💐💐,all of you beautiful people... Have a good day ahead.. Radhe Radhe
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